कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी
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भादो मास में, रोहिणी नक्षत्र के
वृष लग्न में, कारागार में
मां देवकी ने दियो जन्म कान्हा को
प्यासा था कंस कान्हा के जीवन का
पिता वासुदेव ने कियो उपाय अनेक
कान्हा को डलिया में डाल दियो
सर पे ले के उतर गयो यमुना में
उछल-उछल कर पैर छुआ यमुना ने
भयंकर बारिश में, कान्हा के ऊपर
शेषनाग ने फन काढ़ दियो
बना दियो छाव कान्हा के ऊपर
यशोदा ने दिया कन्या को जन्म
कान्हा को डार दियो यशोदा के पास
ऐसे बचायो वासुदेव ने कान्हा को
यशोदा के घर जन्म लियो ललना
कह-कह लोग बधाई गावे
ग्वाल बाल संग कृष्णा खेल करें
यही है कहानी कृष्ण जन्म की ।
