कोरोना टीकाकरण
कोरोना टीकाकरण
कोरोना ने पहुँचाई सबको बहुत क्षति,
इसकी भरपाई ना कर पाएगा कोई।
कुछ राहत सी तब जाकर नज़र आई,
जबसे टीकाकरण की खबर आई।
जनवरी से हुई थी टीकाकरण की शुरुआत,
सोचा था कम होगा कोरोना का आघात।
सबसे पहले मिली उन्हें दवाई,
जो कर रहे हैं समाज की भलाई।
स्वास्थ्यकर्मी हो,सीमावर्ती हो या हो अन्य,
सब हैं हमारे लिए बहुत ही सम्मानीय।
नहीं पता इस दवा में कितनी है सच्चाई,
अंधेरे में रोशनी की किरण नज़र है आई।
भरोसा करने का इस पर दिल था चाहता,
इसके सिवा कोई और चारा नज़र ना आता।
ज्यादा ना सही कुछ राहत तो पहुँच जाएगी,
अपनों से मिलने की कुछ छूट मिल जाएगी।
उम्मीद जरूर जगी है खुलकर सांस लेने की,
परन्तु जरूरत है हर नियम पालन करने की।
कोरोना के टीकाकरण की खेप,
सबको मिले बिना किसी भेद।
याद रखना यह बात है बहुत जरूरी,
दो डोज बिना दवा ना होगी पूरी।
सब मिलजुल कर करें यह प्रयास,
जगाएं जन-जन में अब नयी आस।
कोरोना प्रतिबंधों को सबको अपनाना है,
टीकाकरण अभियान को सफल बनाना है।