कल की बात
कल की बात
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यूँ लगता है कि ये
बस कल की बात हो,
जब मैं अपने विद्यार्थी जीवन में
कल्पना के पंख लगाकर
सुनहरे भविष्य के सतरंगी सपनों में
खो जाया करता था...
वो गुज़रे लम्हें मेरी ज़िन्दगी के
स्वर्णिम भावनाओं के परिचायक थे...
मैं आज भी सहसा उन यादों के मौसम में
स्वयं को पावनता की सतरंगी पलों का चिर साक्षी मानकर अपने ध्येय-पथ पर
अग्रसर होने की हर संभव कोशिश करता हूँ।
