इंसानों की औकात ही क्या, ईश्वर को भी पाली हूं मैं एक नारी हूं। इंसानों की औकात ही क्या, ईश्वर को भी पाली हूं मैं एक नारी हूं।
मेरे कलम की, कलाई हो तुम ! मेरे कलम की, कलाई हो तुम !
यूँ लगता है कि ये बस कल की बात हो. यूँ लगता है कि ये बस कल की बात हो.