किताबों के बीच मां की डायरी
किताबों के बीच मां की डायरी
मेरी अलमारी के बीच आज भी रखी है मां की डायरी।
जब भी अपनी किताबों की जगह अदल बदल करती हूं।
अक्सर नज़र आ जाती है, बीच से झांकती हुई मां की डायरी।
और पढ़ने लगती हूं, तो मन हल्का कर देती है मां की डायरी।
न जाने कितनी ही यादों को ताज़ा कर देती है, मां की डायरी।
मेरी अलमारी के बीच आज भी रखी है मां की डायरी।
यूं तो पुस्तकों का ये संग्रहालय मेरा हमेशा से साथी रहा है।
लेकिन मुझे सदां से सत्य पथ पर अडिग रहना सिखाती है मां की डायरी।
कभी जब ज़िंदगी की पुस्तक में उलझनों को मैने करीब से देखा है।
अकेले में कुछ सुकून के पल दे जाती है मां की डायरी।
मेरी अलमारी के बीच आज भी रखी है मां की डायरी।
मेरी हर पुस्तक का एक एक पन्ना मुझे ज्ञानी होने का आभास कराता है।
पर मेरे हर एक एहसास को मुझसे मिलाती है मां की डायरी।
खट्टी मीठी यादों को खुद में समाए जज्बातों से मिलाती है।
मेरे सारे गमों को एक पल में हल कर जाती है मां की डायरी।
मेरी अलमारी के बीच आज भी रखी है मां की डायरी।
