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Anita Sudhir

Others

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Anita Sudhir

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खूब थे

खूब थे

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साथ जो हमने किये थे रतजगे

दिलजलों के अनकहे भी खूब थे ।


ख़्वाब पलकों पर सजाते जो रहे

इश्क़ तेरे फलसफे भी खूब थे ।


अश्क़ जो आँखों से उस रोज़ बहे थे

बादल उस दिन बरसे भी खूब थे ।


अलग राहों पर कदम निकल पड़े हैं

दरमियाँ हमारे फासले भी खूब थे ।


जी रहे तन्हाई में कैसे है हम

आप के तो कहकहे भी खूब थे ।




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