खूब रुलाया
खूब रुलाया
सूरज चाँद सितारों का भी है
एक बन्धन ना टूटने वाला
तेरा मेरा प्यार भी है ऐसा
बन्धन जनम जनम का
एक सूरज एक चाँद
और लाखों तारो का घेराव है
एक तू एक मैं
और लाखों ज़माने वाले है
चाँद सूरज को मिलने नही देते
ये तारे बन जाते दुश्मन होंगे
हम को भी ये ज़माने वाले
हर राह पर आँख दिखाए
चाँद सूरज की दोस्ती
है युगों युगों पुरानी
फिर भी ये कभी
मिल नहीं पाते कैसी ये रीत
प्यार क्यों रहता अधूरा
जाने कैसी किस्मत इस शब्द की
चाहे कुछ भी हो जाये
नहीं मिलता प्यार किसी को
पहला शब्द ही अधूरा प्यार का
लिखने वाले ने किस्मत प्यार की
आँसू खुद की किस्मत मे भी लिखें
और ज़माने को भी खूब रुलाया