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Bikash Baruah

Others

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Bikash Baruah

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खुली किताब

खुली किताब

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जिंदगी है एक खुली किताब

जो चाहो लिख दो हुजूर ,

सियांही कोई भी रंग का हो

मगर कालीक से रहे वो दूर ;

बचपन की बातें और यादें

खूब लिखो भर-भर के ,

महसूस करें आज के बच्चे

खुशी हमारे उन दिनों के ;

मेहनत की बातें पसीने से नहाएं

जरूरी है लिखना किताब में ,

समझ सकें ताकि बच्चे अभी से 

आसान नहीं लक्ष्य पाना जिंदगी में ;

बड़ों का सम्मान और आदर करना

यह भी जरूरी है इसमें लिखना ,

बदतमीजी से ताकि बच्चे दूर रहें

हमें यह सिख उनको है ज़रूर देना ;

इस खुली किताब में हों कुछ ऐसी बातें

देशसेवा का जज्बा पैदा हो हर व्यक्ति में ,

घृणा का भाव न रखें कोई किसीके लिए 

कहें मिलजुलकर चलों समाज को सुधारें ।।



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