Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—a blueprint for a fair and prosperous future.
Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—a blueprint for a fair and prosperous future.

खट्टी मीठी यादों का कारवाँ

खट्टी मीठी यादों का कारवाँ

1 min
292


खट्टी मीठी यादों का कारवाँ बनता

चला गया

कभी कोई आया तो कभी कोई

चला गया

वक्त का खेला देखो वो भी यूँ ही

वक्त बेवक्त छलता चला गया

ग़लती क्या थी मेरी ये तू बता दे


ऐ वक्त जो तेरी रज़ा न मंज़ूर की हो

जो तू मुझसे यूँ ही भिड़ता चला गया

माना शौक है मुझ को तुझ से यारी

निभाने का

पर क्यों भला तू मेरे ज़ख्मों पर

नमक मलता चला गया


शिकवा तुझ से भी क्या करूं ऐ वक्त

हर बार गिर कर सम्हलता चला गया

फिर भी संवेदनाओं के भाव में मैं

ग़लती पर ग़लती करता चला गया

जब बोझ लगने लगा ये सब तो

सब कुछ जाानकर भी मैं

अंजान बनता चला गया...



Rate this content
Log in