खजाना प्रेम का
खजाना प्रेम का
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खजाना तो सभी खोजते हैं
मिल जाए बहुत माल ये सोचते हैं
पर जिसे मिला खुशियों का खजाना,
उसका जीवन हो जाए सुहाना।
व्यर्थ की खजाने की खोज में ,
भटकते हैं रोज यहां वहां लोग ,
पर अपने ही घर में अपने मन ने ,
कोई न खोजता प्रेम का खजाना।
जिसे मिल जाए प्रेम का खाजाना ,
घर में भर जाए खुशियों का बाना,
उस घर से बड़ा न कोई दौलत ,
सबके साथ से बढ़कर ना ज़माना ।