ख़्वाबों की ताबीर
ख़्वाबों की ताबीर
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ख़्वाबों की ताबीर तुम हो,
यूं मुस्कुराती, इठलाती।
हर पल ख़्यालों में आती,
तुम्हारी मख़मली हंसी।
तुम्हारी नाज़ुक सी काया,
तुम हो मेरे ख़्वाबों की मलिका।
तुमसे है ये जहां रोशन
तुमसे है मेरे घर आंगन की।
महकती बगिया ,तुम हो,
मेरे प्यारी बिटिया ..।