Jalpa lalani 'Zoya'
Others
ख़ुदा के दीदार-ए-इम्कान को,
रोज़ाना कर रही इबादत।
इस कदर इश्क़-ए-रसूल बन जाऊँ,
अपनी रूह को बना लू उसके क़ाबिल।
बन जा मेरी ज़िंदगी का रहनुमा ए ख़ुदा,
कर दे मुझ पर तेरी इनायत।
राह-ए-ज़िंदगी में रहना हरदम साथ,
बनकर मेरे राहगीर।
किताब-ए-ज़िन्द...
राब्ता
तिश्नगी-ए-क़ुर...
दिलनशीं
चाहत तेरी
पास आओ कभी
ज़ुल्फ़ का साया
हमसा कहाँ मिल...
तू है गीत मेर...
नाउम्मीदी में...