कान्हा की पुकार
कान्हा की पुकार
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सुनो राधा,
कान्हा की पुकार...
राधा बिनु कान्हा जीवित ना रह पाएगा।
कान्हा आस है तो राधा अहसास
बिनु राधा कान्हा जीवित भला कहाँ रह पाएगा?
राधा के साथ कान्हा की पहचान है।
बिनु राधे के कान्हा अधूरा ही माना जाएगा।।
राधा ही तो कान्हा के सांसों की डोर है।
बिनु डोर के कहो तो भला
कान्हा क्या कर पायेगा?
राधा को पाने की चाहत में
कान्हा केवल 'राधन...राधन...
पुकारता चला जाएगा।
और तब
हे राधे!!
तुम भी कब
राधा ही रह पाओगे?
बन कान्हा तुम भी राधा..राधा...
ही तो
पुकारते चले जाओगे।।
