जन्माष्टमी पर्व
जन्माष्टमी पर्व
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हरे मुरारि हरे कन्हैया,
पार लगाओ मेरी नैया!
माखनचोर कान्हा मोरे,
नैन चाहें ये दर्शन तोरे!
दुष्ट-दलन, कँस सँहारे,
भक्तों के, तुम्हीं सहारे!
विविध तुम लीलायें रचो,
पर्व तुम्हारा, खूब सजो!
हम भक्त भक्ति में लीले,
विष्णु-रूप, कृष्ण रसीले!
जग के पालनहारा आओ,
जीवन में उजियारा लाओ!
हर विघ्न को हर ले जाओ,
हर-हर हरि के गुण गाओ!
देवकी-नंदन, वासुदेव, हरे,
हे भारतवर्ष के भू देव, हरे!
हर नर-नारी करें, यूँ वंदन,
कृष्ण-जन्म पर अभिनंदन!
है अभिनंदन स्वीकारें सब,
हे प्रभु! द्वार मेरे पधारें अब!