जम्मू और कश्मीर
जम्मू और कश्मीर
हम अपनी नाकामियों
को छुपाने के ख़ातिर
अपने पूर्वजों की खिल्ली
उड़ाने लगते हैं !
हमारे पांच सालों का
हिसाब मांगते हैं!
पर साठ सालों
का हिसाब नहीं रखते हैं !!
यह मत भूलिए
लोगों से क्या कहा था ?
जम्मू कश्मीर को
फिर से स्वर्ग बनायेंगे !
युवाओं को काम ,
विस्थापित पंडितों को
फिर से बसायेंगे !!
यह माना कि कश्मीर
हमारा है ,
यह प्राणों से प्यारा है !
नापाक नजर न कभी
पड़ने देंगे ,
यही हमारा नारा है !!
पर हम खफा अपने नेतृत्व
से हो जाते हैं !
चुनाव से सत्ता तक ही क्यों
वहाँ मंडराते हैं ?
अभी भी राह कितने हैं
ज़रा हम फिर संभल लें !
हमें इतिहास रचना है
यही संकल्प कर लें !!