जज्बात
जज्बात
1 min
297
बेमिसाल शौक के कद्र दान है हम
हर हालात में खुशगवारी का
मौसम है हम
लफ्ज़ हो जाये खामोश पर
लबों पर हल्की सी मुस्कान
बिखेरते है हम
जज्बातों को कहने की जरूरत नहीं
बस यूं ही समझने के काबिल हैं हम
खटखटाया ना करो दिलों के दरवाज़े
दर्द को छलकने नहीं देते है हम
उधड़े हुए ग़म को फेका न करो यूँही
रफू करने में माहिर हैं हम
नीलामी के बाजार में वही आगे रहा
कभी जिसे आफताब लगते थे हम