STORYMIRROR

Sunil Maheshwari

Others

4.9  

Sunil Maheshwari

Others

"जीवन"-एक सुखद यात्रा

"जीवन"-एक सुखद यात्रा

1 min
3.9K


मंजिलें मुझे मेरी छोड़ चली,

रास्तों ने संभाल लिया है,

जा ज़िन्दगी तेरी, अब जरूरत नहीं,

मुझे हादसों ने पाल लिया हे।

झूझती रही, टूटती रही, बिखरती रही,

कुछ इस तरह से ज़िन्दगी निखरती रही,

दोस्तों जीवन एक ऐसी यात्रा लगी,

रो-रो कर जीने से बहुत लम्बी लगी,

और हँस-हँस कर जीने पर,

कब पूरी हो चली, पता भी नहीं चली,

रो कर कब तक हम इसे काटेंगे यारो,

मुस्कराकर, दुख छिपाना भी एक हुनर है,

हौसलों से सींचना है, तुझे ऐ ज़िन्दगी

दोस्तों बुलंद होंसलों भरी ज़िंदगी में,

मेरा भी अपना एक खास मुकाम होगा,

लिखूंगा इक क़िताब अपनी, ऐ जिदंगी,

हर कागज़ पर तेरा ही नाम होगा।


Rate this content
Log in