जीवन बह रहा है
जीवन बह रहा है
जीवन बह रहा है
और साथ साथ जलते हुये
दिये बह रहे हैं।
ठीक ठीक वैसे ही जैसे
गंगा की बहती हुयी धार में
हमारे जलाये हुये दिये
जगमगाते हुये बहते हैं।
अपने ही गंगा में
पड़ते हुये प्रतिबिम्ब के साथ।
जीवन बह रहा है
और जलते जलते दिये बह रहे हैं।
हां इन्हें हमने नहीं जलाया है
खुद जल उठे हैं
जीवन की तरह
जीवन के साथ साथ।
रंग बिरंगे दिये
सबके अपने अपने रंग
रंग बिरंगी रौशनी।
कभी करुणा सी
कभी दया सी
कोई प्रेम सी
कोई ममता सी।
जैसे वात्सल्य बह रहा है
जगमगाते हुये
बहते हुये दिये के साथ साथ।
जाने कितना वख्त गुजरा
जीवन बह रहा है
लगातार वख्त के
सिलसिले की तरह।
लोग आये, गये
जीवन बहता रहा
दिये जलते रहे
और जल रहे हैं।
चलो इन्हें जलाने वाले को
हम भी ढूंढ निकालते हैं
इस यकीन के साथ कि
जब गंगा में दिये जलाने वाले,
मिल जाते हैं हमारी तरह
तो जीवन के आस पास
दिये जलाने वाला भी
सुलभ है।