Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sheetal Raghav

Others

4.5  

Sheetal Raghav

Others

जिहाल मस्ती

जिहाल मस्ती

2 mins
563


बेहाल हम तुम खड़े हैं ऐसे,

बेहाल जैसे हमारा दिल है,

सुनाई देती है जो भी धड़कन,

है तेरे दिल की या मेरे दिल की।


बेहाल हम तुम खड़े हैं ऐसे,

बेहाल जैसे हमारा दिल है,

सुनाई देती है जो भी धड़कन,

है तेरे दिल की या मेरे दिल की।


 वो मेरे पहलू में आकर बैठे,

तो दिल मचल गया है, मचल गया है

जरा सा नजरों से वह हटे तो,

हमारा दिल भी धड़क गया है,


जरा सा नजरों से वह हटे तो,

हमारा दिल भी धड़कत गया है।


सुनाई देती है जो भी धड़कन, 

है तेरे दिल की या मेरे दिल की।


कभी कभी रात ऐसे रूकती है,

जैसे सांसे थम रहीं हैं, थम रहीं हैं,

कभी कभी रात ऐसे रूकती है, 

है जैसे सांसे थम रहीं हैं,


तुम्हारे दिल की ये बेकरारी,

हमारे दिल तक पहुंच रहीं हैं।


तुम्हारे दिल की ये बेकरारी,

हमारे दिल तक पहुंच रही है।


बेहाल हम तुम खड़े हैं ऐसे, 

बेहाल जैसे हमारा दिल है, 

सुनाई देती है जो भी धड़कन, 

है तेरे दिल की या मेरे दिल की।


ये प्यार है या वफा है, क्या है,

नजर मिलाते ही झुक गई है।

नजर मिलाते ही झुक गई है। 


तुम्हारे होठों की मुस्कुराहट,

हमारे दिल में उतर रही है।


तुम्हारे होठों की मुस्कुराहट,

हमारे दिल में उतर रही हैं।


बेहाल हम तुम खड़े हैं ऐसे, 

बेहाल जैसे हमारा दिल है, 

सुनाई देती है जो भी धड़कन, 

है तेरे दिल की या मेरे दिल की।


फिल्म - गुलामी

बोल - जी हाल मस्ती !


Rate this content
Log in