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Karishma Gupta

Others

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Karishma Gupta

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इश्क़-ए-बारिश

इश्क़-ए-बारिश

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तुझसे सच्ची तो ये बारिश की बूँदे हैं

इनसे इश्क़ करना मुझे दगा नहीं देगा।

तू देखे तो छल हैं छूये तो छल हैं

इन बूँदो का स्पर्श ही अब

मेरे मन को सुकून देगा।


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