Karishma Gupta
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तुझसे सच्ची तो ये बारिश की बूँदे हैं
इनसे इश्क़ करना मुझे दगा नहीं देगा।
तू देखे तो छल हैं छूये तो छल हैं
इन बूँदो का स्पर्श ही अब
मेरे मन को सुकून देगा।
स्मृतियां
एक उम्मीद
यात्रा
सफ़र
चक्रवात
वो बस जी रहे ...
**......**
"बदलाव"
बेवजह
संघर्ष