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Rameshwar Bishnoi 007

Others

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Rameshwar Bishnoi 007

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हूँ प्रभु दर्शन की प्यासी

हूँ प्रभु दर्शन की प्यासी

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हूँ श्री चरणों की दासी, मुझे आकर दरश दिखा जा। 

श्री चरणों में बस जाऊँ, मुझे आकर हृदय लगा जा।


बरसों से बाट मैं जोहू, तेरे मार्ग में फूल बिछाये।

इकबार तू आ जा गिरधर, ये प्यास मेरी मिट जाये।


थक गये नयन अब मेरे, तक तक कर तेरी राहें।

बैठीं हूँ  पथ पर तेरे, मैं आंचल को फैलाये।


बृंदावन की वो बंशी, फिर मोहन आज बजा जा।

व्याकुल हो रहीं हैं गईंया, फिर मुरली मधुर सुना जा।


गोकुल की वो गलिंयां, वो यमुना तट का पानी।

रो  रो  सबसे  कहते, तेरी मेरी प्रेम कहानी।


हूँ विरह आग में जलती, नहीं चैन मुझे आता है।

इक तेरे सीवां हे कान्हा, कोईं और न अब भाता है।


घनघोर निशा है छाईं, नहीं बसता कहीं बसेरा।

है इस सूने जीवन का, बस तू ही एक सबेरा।


हूँ कबसे तुझे बुलाती, बनकर सूरज अब आजा।

दर्शन के प्यासे नैना, नैनों की प्यास बुझा जा।



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