Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हत्या और सोच

हत्या और सोच

2 mins
102


हत्या,हत्या ,हत्या

आए दिन खबरें ये छपतीं

कहीं कोई मरा,

किसी ने किसी को दिया दगा,

इतना आक्रोश, इतनी ज्वाला

ना कोई प्रतिबंध ना कोई समझने वाला।


एक-एक रुपये के लिये

दीन- ईमान छूट जाता है ,

तू तू, मैं मैं का जैसे पीते प्याला हैं,

जिंदगी की कहीं कोई कीमत नहीं रह गयी है ,

धधकता नसों में जैसे खून का ज्वाला है।


कहीं मासूमो का अपहरण ,

कहीं बुजुर्गो का तिरस्कार ,

कहीं महिलाओं अपमान ,

बदले की आग में न जाने करते क्या- क्या दुष्कर्म।


ये तो थी वो हत्याएँ जो दिखती खुलेआम हैं

अब जरा नजरें घरों के अंदर भी डालो,

क्या भावनाओं से खेल, हत्या नहीं?

क्या जोर से जवाब देना,

ऊँचे स्वर में धमकाना हत्या नहीं?

क्या झूठे आरोप लगा फसाना हत्या नहीं?

क्या आपसी सम्बंधो में धोखा देना हत्या नहीं?

क्या मानव मूल्यों का हनन हत्या नहीं?

क्या मानसिक तनाव देना हत्या नहीं?


ये भी हत्या के प्रकार हैं,

जो गिनाए कम जाते हैं,

होते अंदर ही अंदर हैं

इसलिये सुनाए कम जाते हैं।


औरत हो या आदमी,

बच्चा हो या बड़ा,

हर किसी को किसी न किसी से है पीड़ा ,

दर्द में भी जी रहे होते हैं कई इन्सान,

कुछ नहीं कर पाते है बस सहते जाते हैं ,

बस सहते जाते हैं।


पर ऐसे कैसे चलेगा

आवाज भी उठानी पड़ेगी,

गलत को गलत भी कहना सीखना पड़ेगा

कोई कुछ भी सोचे या कहे ,कहने दो,

हम सब को अपने लिये लड़ना भी पड़ेगा।


किसी का खून ना करके बल्कि

अपने आप को आगे बढ़ा ,

एक मुकाम में पहुँच अपनी

पहचान बनानी पड़ेगी,

जवाब देने के कई रास्ते हैं,

बस कौन सा रास्ता लेना है

वही सोचना है और जिंदगी को गले लगा

जीवन पथ पर चलना है।




















Rate this content
Log in