"हनुमत भक्ति"
"हनुमत भक्ति"
बालाजी तू मेरे जीवन का तानाबाना
तेरे बगैर अधूरा, मेरे लिये यह ज़माना
तू ही एकमात्र मेरी सांसो का तराना
तू कभी साखी को छोड़ नहीं जाना
मेरे प्यारे इष्टदेव बालाजी, तू है पानी
ओर यह साखी, एक मीन अफसाना
एक पल भी जुदा हुआ, गर यह माना
टूट जायेगा, यह शीशा, बरसो पुराना
तुझसे है, प्रभु सांसो का आना-जाना
जिस दिन न गाऊं तेरे नाम का, गाना
रोता है, तड़पता दिल का मयखाना
तेरी भक्ति का नशा है, बड़ा सुहाना
अंधेरा भी लगता है, मुझे तो उजाला
मिलता है, जब तेरी भक्ति का दाना
बालाजी तू, मेरे जीवन का तानाबाना
ब्रह्मचर्य कैसे पालूं यह तुझसे जाना
नाचता-गाता है, मन मयूर दीवाना
तेरी भक्ति में, में भूल जाता, ज़माना
मेरे हृदय में सदैव आप ऐसे रहना,
जैसे लोभी के मन में धन खजाना
आप बिन क्या जीना, क्या मर जाना
आप हो, साखी के सर्वस्व भगवाना
आप समर्पित हर कर्म, सांस हमारा
देना भक्ति, यही आखरी तमन्ना गाना
आपके दर्शन को तड़पता दीवाना
तेरे सिवा किसी से न दिल लगाना
आपसे है, मेरे जीवन का तानाबाना
आप सूर्य में तम का गहरा याराना
अपनी भक्ति की वर्षा यूं बरसाना
तुझे छोड़ भूल जाऊं, सारा ज़माना
तेरे मंदिर सिवा नहीं कोई ठिकाना
रखना चरणों में समझ दास पुराना
तेरे सिवा न किसी से मेरा दोस्ताना
तू पिता, तू माता, तू दादा और नाना
दर्शन को बाला इतना न तरसाना
जैसे शूल लगे हर पल विकराला
तेरी भक्ति में, मुझे हर पल नहाना
भाड़ में जाये यह सारा ही जमाना
तेरी भक्ति का आनंद इतना बाला
स्वर्ग भी लगे पतझड़ का ज़माना
ओर नरक लगता खुशी अफसाना
तेरा स्मरण, दिल को दे सकूं बहाना
तेरी भक्ति विष करती सुधा समाना
तू स्वामी मेरा, में दास तेरा अनजाना
अब और नहीं बालाजी इतना सताना
तेरे सिवा नहीं कोई अपना, यहां बाला
तू जिंदगी का प्रथम-आखरी अफसाना
तू मेरा, में तेरा बाकी व्यर्थ यह ज़माना।
