हमारा महान भारत
हमारा महान भारत
हमारा भारत है महान,
सुंदरता का है यह जहान।
जितना भी करें हमारे प्रदेश का गुणगान,
कभी न संपूर्ण होगा स्वदेश का यशोगान।
निर्मल परिमल है जिसकी प्रकृति,
बहुत प्राचीन है जिसकी श्री जगन्नाथ
संस्कृति।
प्रवाहित हो रहे हैं गंगा जमुना गोदावरी
महानदी तरंगिनी,
सरस्वती नदी बह रही है बनकर अदृश्य
वाहिनी।
यहाँ बोली जाती हैं कई महनीय
मातृभाषाएं,
तेलुगु-तमिल-ओड़िआ-संस्कृत- कन्नड़ा-
मलयालम हैं प्राचीन शास्त्रीय भाषाएं।
पुरी धाम का श्रीजगन्नाथ रथ यात्रा है
पुरातन परंपरा,
भुबनेश्वर श्री लिंगराज का रुकुणा
रथा यात्रा है बेहद न्यारा ।
तिरुमला तिरुपति है श्री वेंकटेश्वर भगवान
का प्रमुख देवालय,
भक्त अन्नमाचार्य के कीर्तनों से गूंजता है
वहां का हर आलय ।
भारत के हैं कई लोक कला और शास्त्रीय
नाट्य रूप,
दर्शाते हैं जो हमारे महान देश का
सांस्कृतिक स्वरुप।
यहाँ हैं हि
मालय के शीत पर्वत,
जो हरे भरे वादियों को रख रहे हैं जीवंत।
भारत माता के हैं कई देश भक्त,
जो बहा सकते हैं अपना बूँद बूँद रक्त।
देश के हर प्रदेश में होता रहता है उत्सव
त्यौहार,
विश्व के कहीं नहीं होता है बंधु परिजनों का
ऐसा समाहार।
हर प्रान्त का है अपना ही रुचिकर भोजन शैली,
सात जन्म भी काम पड़ते है आस्वादन करने के
लिए ये अनुपम खाद्य प्रणाली।
विश्वप्रसिद्ध कोणार्क मंदिर हम्पी नगरी हैं
शिल्पकुशल कलाक्षेत्र,
त्रिभवनेश्वर स्थित चौसठि जोगिनी मंदिर अनंत
बासुदेव हैं भक्तिपूत पुण्यक्षेत्र।
देश के निरंतर अभिवृद्धि हेतु सभी सपने
देखते हैं कई प्रकार,
कर्तव्यव्रत कार्यदक्ष रहने से सुनिश्चित है
होना जिनका साकार।
नव निर्माण द्वारा करना है हमारे महान
भारत को नित्य नवीन,
प्रावीण्य को प्राधान्य देने पर सदा रहेगा
शक्तिशाली समृद्धिसंपन्न स्वाधीन।
हमारा भारत है महान,
सुंदरता का है यह जहान।