हम मज़दूर हैं
हम मज़दूर हैं
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आज से बेहतर कल हो अपना
बस इसी की लड़ाई है
अपना कोई एक ठिकाना नहीं
आज दिल्ली है तो कल मुंबई है
भले तन पे हमारे कपड़े साफ नहीं है
पर मन में हमारे कोई पाप नहीं है
हमारे भी अपने माँ-बाप हैं भाई-बहन हैं,
बच्चे हैं हम भी आपके समाज के ही लोग हैं
बहुत दूर हैं आपसे पर देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं
हमसे भी सलीके से पेश आया कीजिये
हम बस हालात से मजबूर हैं
हम गुलाम नहीं मज़दूर हैं
हम मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं
