STORYMIRROR

VIVEK ROUSHAN

Others

3  

VIVEK ROUSHAN

Others

हम मज़दूर हैं

हम मज़दूर हैं

1 min
270

आज से बेहतर कल हो अपना

बस इसी की लड़ाई है 

अपना कोई एक ठिकाना नहीं

आज दिल्ली है तो कल मुंबई है 

भले तन पे हमारे कपड़े साफ नहीं है 

पर मन में हमारे कोई पाप नहीं है


हमारे भी अपने माँ-बाप हैं भाई-बहन हैं,

बच्चे हैं हम भी आपके समाज के ही लोग हैं 

बहुत दूर हैं आपसे पर देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं 

हमसे भी सलीके से पेश आया कीजिये

हम बस हालात से मजबूर हैं 

हम गुलाम नहीं मज़दूर हैं 

हम मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं


Rate this content
Log in