हम बनाएंगे एक नया हिंदुस्तान
हम बनाएंगे एक नया हिंदुस्तान
एक सुबह नुमूदार हुई थी
आज़ादी के नारों से गूंजती हुई,
जियालों की बड़ी क़ुर्बानियों के बाद
मतवालों की बड़ी शहादतों के बाद
एक नई ज़िन्दगी लेकर
एक नए हौसले के साथ
हम निकल पड़े थे आफ़ाक़ी वुसअतों की तरफ,
गुलामी से निकल कर दुनिया की क़ियादतों की तरफ,
एक नए अज़्म के साथ
एक नए हौसले के साथ
मुहब्बतों के रस्ते पर
तरक्कियों के मदारिज तय करने
तमाम रुकावटों को परे धकेलते हुए
तमाम नफरतों को नज़रअंदाज़ करते हुए
हम एक नई मंज़िल के जानिब गामज़न थे ,
मगर रास्ते में राहज़न थे।
हमारी नज़रअंदाज़ की हुई नफ़रतें
एक एक कर जमा हो गयीं
अदावतों ने एक नया रूप धार लिया
रुकावटें पहाड़ बनकर सामने आगईं
ज्वालामुखी के एक पहाड़ की तरह
हमारे बीच रस्ते में आ खड़ी हुईं
आगे का रास्ता मस्दूद
वापसी के सिवा कोई चारः नहीं
काश! पहले समझते
नफरतों के बीज बोने वालों से निपटते
मौत के सौदागरों को पहचान लेते,
हर एक क़त्ल आम से पहले,
मोहब्बत का एक जहाँ तामीर करते,
उल्फतों की गंगा जमुना बहती
पर अब क्या जब नफरतों ने
लोगों के दिलों को काला कर दिया है
नज़रें कोताह हो गई हैं,
ज़हन कुंद हो गए हैं
इश्क़ व मोहब्बत के न वह परवाने रहे
न वह सहबा रही न वह पैमाने रहे
न वह साक़ी रहे
न वह मैख़ाने रहे।
..................
मगर हम फिर से उठे हैं
मोहब्बत के नए पैग़ाम लेकर,
इश्क़ के नए मक़ाम लेकर,
शिरीन के कोहकन की तरह
मज़बूत बाज़ुओं के साथ,
लैला के मजनूं की तरह
तपते सेहरा की क़ुव्वत -ए- बर्दाश्त के साथ,
बातिल से पंजा आज़माई करने
ज़ालिम के हाथों को तोड़ने मरोड़ने
अंधेरों में नए चराग़ लेकर,
उल्फत की रौशनी लुटाने,
एक नया जहाँ बनाने,
एक नई कायनात सजाने,
जिहालत की तारीकी मिटाने
जुर्म के सिंहासन को जलाने,
हम एक नया हिंदुस्तान बनाएंगे,
उजालों का, मुहब्बतों का
आज़ादी के मतवालों के ख्वाबों का,
गाँधी और लोहिया की आरज़ूओं का,
जवाहर के एहसासों का,
आज़ाद की ख्वाहिशों का,
नेहरू के नज़रिये का,
आंबेडकर के विज़न का ,
हाँ ,हम बनाएंगे एक नया हिंदुस्तान।
मुश्किल शब्द का अर्थ
नुमूदार होना: दिखाई देना
आफ़ाक़ी: सार्वभौमिक
वुसअतों : विस्तार
मदारिज: डिग्री
क़ियादतों : नेतृत्व
राहज़न: डाकू
नज़रअंदाज़: अनदेखा करना
मस्दूद: बंद
ज़हन: दिमाग़
सेहरा: रेगिस्तान