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हकीक़त
हकीक़त
हकीक़त
हकीक़त
आब में वो बात क्या
जो बात होती शराब में
हाल गैरों तक ने पूछा,
पूछा पर न आप ने!
हो मुक्कमल जाएं गर,
देखा जो सब कुछ नींद में,
फ़र्क क्या रह जायेगा फ़िर
ज़िन्दगी और ख़्वाब में!!
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