हौसला
हौसला
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ज़्यादतियों के बोझ से भी
हौसला झुकेगा कहाँ
थाम कर रख न पाएगा
वक़्त है रुकेगा कहाँ?
तेरी ललकारें चट्टानों को हिला देंगी
तेरी उम्मीद राहों में दीप जला देगीं,
करे कितने भी सितम
दुश्मन टिकेगा कहाँ?
थाम कर रख न पाएगा
वक्त है रुकेगा कहाँ?
अभी रात है , तो डरने की क्या बात है?
दिन भी निकलेगा, अंधेरे की क्या औकात है,
लौट आएगा सच का बाज़ार
झूठ ज़्यादा बिकेगा कहाँ?
थाम कर रख न पाएगा
वक़्त है रुकेगा कहाँ?
