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JAYANTA TOPADAR

Others

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JAYANTA TOPADAR

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गुज़रे पल...

गुज़रे पल...

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बचपन के वो पल...

मुझे आज भी याद आते हैं...!

मैं और मेरी तन्हाइयों के दरमियान

एक ऐसा पल भी आता है,

जब मैं खुद से भी दूर हुआ करता हूँ।


यूँ आदतन मैं अपनी यादों के

झरोखों से अपने बचपन को

देख लिया करता हूँ...

क़ाश...मैं उन गुज़रे लम्हों को

दुबारा पा सकूँ...

यूँ अक्सर मेरे दिल में

अपने बचपन की उन 

सुनहरे पलों की

यादें ताज़ा होती हैं....


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