गुजरती बारिशें।
गुजरती बारिशें।
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
नभ से गुजरती बारिशें,
बिखेरती है कई रंग।
धूप से गुजरती बारिशें,
बदल जाती है इंद्रधनुष में।
छाया से गुजरती बारिशें,
ढल जाती है ओस में।
प्यास से गुजरती बारिशें,
बन जाती है तृप्ति कंठ में
भूख से गुजरती बारिशें,
ढल जाती है अन्न के रूप में।
पेड़ से गुजरती बारिशें,
ढल जाती है फल में।
गुस्से से गुजरती बारिशें,
तबाह कर देती हैं कई जिंदगियाँ।
उदासी से गुजरती बारिशें,
कर जाती है बंजर जमीन को।
दुख से गुजरती बारिशें,
बन जाती हैं आँखों का आँसू।
खुशी से गुजरती बारिशें,
बन जाती है जश्न जिंदगी का।
जिंदगी से गुजरती बारिशें,
बन सकती है नई जिंदगी।
प्रकृति से गुजरती बारिशें,
सहेजनी है हमें धरती की कोख में।
बिखेरती है कई रंग,
नभ से गुजरती बारिशें।