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इंजि. गोवर्धन बिसेन "गोकुल"

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इंजि. गोवर्धन बिसेन "गोकुल"

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गुढी नवो साल की

गुढी नवो साल की

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(पञ्चचामर / गिरिराज छंद)

गणावली-जभान राजभा जभान राजभा जभान गा

वाचिक मापनी- 12 12 12 12, 12 12 12 12


दयालु माय शारदा, सुबुद्धि भान देयदे |

मिटाव अंधकार ला, उजार ज्ञान देयदे ||

करो प्रमार वंश ला, खुसाल हंसवाहिनी |

गुढी उभारु पाडवा, करू वला सुवासिनी ||१||


गुढी प्रमार वंश की, सजावु आज रंगमा |

प्रमार रोज की खुसी, मनावु आज संगमा ||

उजार चैत पाडवा, उभी नवी गुढी करो |

नवा बिचार संगमा, सुधारनी कड़ी धरो ||२||


मिलेव आज राम ला, किरीट राजपाट को |

खुसी मनाव यादमा, मनाव साल थाट को ||

चलो सिहारपाठ ला, करो दिदार राम को |

मिले कृपा सपा सरे, तनाव पूर्ण काम को ||३||

          

प्रसाद ब्रह्मदेव को, रचीस आज सृष्टि ला |

नमावु माथ प्रेम को, वको विसाल दृष्टि ला ||

भयेव सम्वता सुरू, विक्रामदेव राज को |

करूसु मान आज मी, प्रभू शकारि काज को ||४||


तिव्हार देविमाय को, मनाव आज पासना |

करो उपास शक्ति को, अना लगाव साधना ||

प्रमार माय कालिका, करूसु आज प्रार्थना |

सुखी करो समाज ला, करो कबूल याचना ||५||



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