Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sonam Kewat

Children Stories

4  

Sonam Kewat

Children Stories

गुड्डे और गुड़ियों का खेल

गुड्डे और गुड़ियों का खेल

1 min
910



एक गुड्डा उसका होता था 

एक गुड़िया मेरी होती थी और 

हर रोज खेल ही खेल में

नयी कहानी शुरू होतीं थी!


उस वक्त हम अक्सर अपने 

गुड्डे और गुड़ियों का ब्याह रचाते थे 

और तब हम दोनों नासमझ

उनके मम्मी-पापा बन जाते थे !


उन्हें अच्छे से तैयार करना 

हम दोनों को अच्छा लगता था 

अरे वह तो सिर्फ खेल था पर 

वह खेल भी हमें सच्चा लगता था !


क्या तुम्हें याद है वो बातें सारी

खेल खेल में उनका घर बनाते थे

और किस तरह बचपन में

हम पूरी तरह से खो जाते थे!


चलो एक बात मानो मेरी 

फिर से वही खेल रचाओ ना 

मैं गुड़िया बन जाती हूं और 

तुम वैसे ही गुड्डा बन जाओ ना!


Rate this content
Log in