गीत लिखना मीत मेरे
गीत लिखना मीत मेरे
गीत लिखना मीत मेरे
गीत मन की वेदना को दूर करती है
शोक चिन्ता दुःख से भी दूर करती है
देते रहते शब्द फेरे
गीत लिखना मीत मेरे.......
जब गीत लिखना तो कुछ ऐसे लिखना
जिसे गुनगुनाए तेरे साथ दुनिया
जहां भी हैं खुशियां वहीं वेदना है
पढ़ें और समझें सभी मुन्ना मुनिया
नहीं लिखना कष्ट घेरे
गीत लिखना मीत मेरे.......
कुछ गीत लिखना मस्ती के दिन के
कुछ गीत लिखना पस्ती के दिन के
ज़माने में महँगाई के गीत लिखना
कुछ गीत लिखना सस्ती के दिन के
ज़िन्दगी में हों सबेरे
गीत लिखना मीत मेरे........
जिसने बनाया उसी ने मिटाया
पेंसिल थी उसकी रबर भी उसी का
समय की शिला पर सभी कुछ लिखा है
पढ़ना उसी को लिखा भी उसी का
कोई कैसे गति को हेरे
गीत लिखना मीत मेरे.......
गीत लिखना मीत मेरे
गीत मन की वेदना को दूर करती है
शोक चिन्ता दुःख से भी दूर करती है
देते रहते शब्द फेरे
गीत लिखना मीत मेरे.......