Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Keshav Shukla

Others

4  

Keshav Shukla

Others

वह लड़की

वह लड़की

1 min
351


वह लड़की जो घर में अक्सर

खुश रहती थी सबसे ज्यादा

सबसे पहले जग जाती थी

सूरज से ले लेकर खुशियां

सदा बाँटती थी घर भर को

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


वह लड़की जो

घर भर के जगने से पहले

घर आँगन सबकुछ बुहार कर

नित चिड़ियों सी फुदक-फुदक कर

चौका बरतन सबकुछ करके

तिनके कण्डे सब बटोर कर

चौके में ला रख देती थी

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


वह लड़की जो

नित परियों सी घूम टहल कर

बड़का दादा-बड़की माई

काका-काकी,मामा-मामी

फूआ-फुफ्फा,नाना- नानी

सबका टहल बजा देती थी

भइया की घुड़की को भी जो

हँस-हँस करके सह लेती थी

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


वह लड़की जो

दादा जी के पाँव दबाते

दिल टटोल कर मन की बातें

खुशी-खुशी कहला लेती थी

माँ को भी समझा लेती थी

भइया के हिस्से की मेहनत

समय बचाकर कर लेती थी

बाबू को बहला फुसलाकर

पढ़ना लिखना सिखलाती थी

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


वह लड़की जो

घर भर के सारे कामों को

शान्तभाव से निपटा करके

अपना हिस्सा पढ़ लिख कर के

बाबू का भी लिख देती थी

डाँट न जाए उसका बाबू

वह पहले ही रो देती थी

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


वह लड़की जो

बथुआ सरसो साग खोटकर

कई जून सलटा देती थी

और सभी को ताजा भोजन

खुद बसिया निपटा देतीथी

दादा के कुर्ते धोती पर खुद ही

कलफ लगा देती थी

लोटे में कोयला दहकाकर

प्रेस का काम चला देती थी

घर की लक्ष्मी के सारे गुण

घर भर को दिखला देती थी

वह नन्हीं सी प्यारी लड़की

गुमसुम-गुमसुम गुमसुम क्यों है?


Rate this content
Log in