गहरा ज़ख्म !
गहरा ज़ख्म !
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कुछ ज़ख्म ऐसे होते है
जो दिखते तो नहीं है
पर दर्द बेइंतहा देते है
उस ज़ख्म में से रक्त
तो बिलकुल रिसता नहीं है
पर ज़ख्म गहरा होता है
हाल बिलकुल वैसा ही होता है
उस का जैसे कोई मुस्कुराता
हुआ खूबसूरत चेहरा अपने
भीतर आंसूओं का सैलाब
हँसी के लिबास में छुपाकर
अपने दिल ही दिल में
जार जार रोता है !
