घर से दफ्तर तक।
घर से दफ्तर तक।
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नारी पहले,
चार दीवारी के अन्दर,
घर के कामों में रहती थी व्यस्त,
खाना बनाना,
सफाई करना,
परिवार चलाना,
मांं बाप को देखना,
पति की सेवा में लगे रहना।
आज युग बदला,
अब वो दफ्तर जाती,
लोगों से,
मिलती गिलती,
लैपटॉप पे काम करती,
देर रात तक,
डटी रहती,
खूब रूपया पैसा कमाती,
शानो शौकत से रहती।
