गौरी और रंग जमे संग।
गौरी और रंग जमे संग।
रंगों की है बात निराली,
इसके बिना जीवन बेमानी,
अगर सिर्फ हो काला और सफेद,
तो दुनिया बनेगी बोरिंग प्लेस,
ये तो जब सबरंग सर चढ़ के बोलते,
तभी जीवन के असली मनसूबे
सामने आते।
हर रंग की अपनी विशेषता,
हरा है हरियाली का प्रतीक,
लाल देता गौरी के गालों की तस्वीर,
पीला है बसंत का दर्पण,
नीले से है आकाश का मतलब,
सफेद है अप्सराओं का सलीका,
बैंगनी से नार लगती महबूबा,
गुलाबी है गौरी के होठों की निशानी,
संतरी में उसकी चाल मतवाली,
जब सब इकट्ठे हो जाते,
तो बात बनती,
दिल धड़काने वाली।
