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Radha Shrotriya

Children Stories Fantasy

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Radha Shrotriya

Children Stories Fantasy

एक सुबह ऐसी हो

एक सुबह ऐसी हो

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काश कि एक सुबह ऐसी हो 

मेरे आँगन में बिछी खाट पर 

उषा अंगड़ाई लेकर उठे,


पंछियों के कलरव से हम तुम जागें 

तुम्हारी आँखों में भोर का तारा

चमकता देख


मैं खुशी से चिड़िया की तरह चहकूं

और तुम्हारे साथ 

पवित्र प्राची के सिंदूरी


आभा मंडल के बीच उदित होते 

दिनकर को देखूँ !


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