"एक छात्र की कलम से" #शिक्षक दिवस
"एक छात्र की कलम से" #शिक्षक दिवस
डपटते हो रुलाते हो
गुरुजी बहुत सताते हो।
जो बचके बाहर जाते हैं
गुरूजी बड़ा धमकाते हो।।
पढाते हो लिखाते हो
समझाकर बतलाते हो।
कभी गलती पर हम चलते
राह सीधी दिखलाते हो।।
तुम्ही मम्मी यहां पर हो
तुम्ही पापा यहां पर हो।
बहिन भाई का भी रिश्ता
यहां तुम ही निभाते हो।।
तुम ही हो दोस्त बचपन के
जवानी तुम संग बीती।
अजब रिश्ता हमारा है
दोस्त तुम ही हो कहाते हो।।
करूं मैं विनती ये तुमसे
सदा तुम हाथ सिर रखना।
बडे़ नादान बालक हैं
ना गलती ध्यान में रखना।।
सदा आशीष ये देना
चलें कर्तव्य के पथ पर।
राह में आयें जो कंटक
निकालें सब यत्न कर।।
काम आयें सभी के हित
बनें हम रोशनी दीया।
पायें आपके निर्देशन में
प्रेरणादायक ज्ञान की छाया।।