एक चाट की कटोरी ही तो है....
एक चाट की कटोरी ही तो है....
ज़िन्दगी क्या है? एक चाट की कटोरी ही तो है,
और हमलोंगों की फितरत भी, चटोरी ही तो है।
हँसी, खुशी, दुख, तकलीफ, सफलता या हताशा,
ये सब अलग अलग स्वाद की चटकोरी ही तो है।
ज़िन्दगी क्या है? एक चाट की कटोरी ही तो है…..
खुशियों की चटनी हरि है, लाल है चटनी गुस्से की,
पीली चटनी शर्म की है, और मिर्ची बरजोरी ही तो है।
ज़िन्दगी क्या है? एक चाट की कटोरी ही तो है…..
खट्टा है स्वाद विफलता का, और सफलता नमक है,
दही है ढंग सदभाव का, और नींबू चाटुकारी ही तो है।
ज़िन्दगी क्या है? एक चाट की कटोरी ही तो है……
प्यार का इसमे आलू है, और नटखटपन है प्याज़ सी,
धनिये सी थोड़ी ताजगी है, और पापड़ी मस्तिखोरी ही तो है।
ज़िन्दगी क्या है? एक चाट की कटोरी ही तो है…..
