ए वतन तेरे लिए
ए वतन तेरे लिए
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मिट्टी की धूल प्यारी
मैंने माथे पर लगायी
वतन के लिये लड़ना
यह कसम मैंने खाई
माँ की गोद में थे तब
देश के लिए थे सपने
वतन की रक्षा करे जो
हो कोई अपने अपने
जान भी कुर्बान मेरी
तू ही दिल की धड़कन
मैं मर जाऊँ तेरे लिये
ये मेरा होगा बड़प्पन
ए वतन तू मेरा हमेशा
मेरे लिए है अभिमान
तेरे लिये हम अपनी
जान देंगे होंगे कुर्बान
