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Samiksha Jamkhedkar

Others

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Samiksha Jamkhedkar

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दोस्त

दोस्त

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दोस्त ऐसा होता है


कभी हसाता 

कभी रुलाता ।

कभी सताता

कभी मनाता ।


दोस्त ऐसा होता है


कभी गुमसुम

कभी नाराज।

कभी खुश

कभी शब्दों की बरसात


खुश हमें रखता

खुशहाली हमारी चाहता

रुठा कभी दोस्त

तो उनको मनाता।

दोस्त ऐसा होता है।



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