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Neeraj pal

Others

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Neeraj pal

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दयामई -माँ।

दयामई -माँ।

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हे !दयामई माँ शरण तिहारे, अबकी बेर उबारो।


तुम तो हो ममता की मूरत ,दाता नाम तिहारो ।

मैं पापी जन्म का अंधा, तुम ही एक सहारो।। 


तीनों लोकों की तुम हो स्वामिनी, मैं ठहरा दास तुम्हारो।

तुमने तारा दीन -दुखियों को, माँ मुझे ना तुम विसारो।।


 तुम तो हो हृदय से कोमल, मलिन हृदय है हमारो।

 मोहिनी सूरत देखन के कारज, इंतजार है तुम्हारो।।


 पाप की गठरी भारी पड़ गई, सूझै, ना कोई किनारों।

" नीरज" को अब पार लगा दो, प्राण व्यथित है हमारो।।


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