दर्द
दर्द
मैं शायर, लेखक या कवि नहीं हूँ
ये बस कुछ एहसास है, कुछ तुकबंदियाँ
या कुछ बेहतर अल्फ़ाज़ हैं,
जो कहते है एक कहानी
तुम्हारे साथ बिताए हुए
हर एक खूबसूरत लम्हे की
कहानियाँ उन रातों की
जो हमने गुफ्तगूं में गुजार दी थी
जिनमे हमारे बचपन के किस्से हैं
वो साथ हँसने -रोने की बातें
और जीने- मरने के वादे है
जो हमने साथ देखे थे
वो सारे दुनिया बदल देने के ख़्वाब हैं,
कुछ कविताएं है
जो आत्ममंथन में लिखी गयी है
और कुछ मुक्तक है
जो तुम्हारी ख़ूबसूरती के बखान में लिखे गए है,
बाकी सब दर्द ही दर्द है
तुमसे दूर रहने का दर्द है
बिछड़ के जाने की कल्पना का दर्द है
फिर तुमसे अलग हो जाने का दर्द है
और फिर तो उन सारी काली रातों की कहानियाँ है
जो तुम को याद करते हुए
असहनीय दर्द में गुज़ार दी है।