दोस्ती
दोस्ती
क्या कहूं कि दोस्ती क्या है
एक हसीन ख्वाब है यह दोस्ती
गुलाब कहूं या कमल
फूलों का गुलदस्ता कहूं इसे
या फिर हीरो का हार कहूं इसे
पर कोई हसीन सी चीज है यह दोस्ती
सूर्य का प्रकाश कहूं इसे
या फिर चांद की चांदनी
दूर से देखो तो कोई ख्वाब है यह दोस्ती
पास आकर देखो तो मीठी सी सौगात है यह दोस्ती
दोस्ती कहो तो कोई उधेड़बुन है
या फिर कई सवालों का जवाब है यह दोस्ती
दिल को दिल से जोड़ने वाली एहसास है यह दोस्ती
प्रेम त्याग और बलिदानों की डोर से बंंधी होती है यह दोस्ती
तपती धूप में जो छाव दे ऐसी होती है यह दोस्ती
सभी रिश्तों में सबसे खास होती है दोस्ती
बस खुदा से मिली सबसे अनमोल सी सौगात या भेंट होती है यह दोस्ती
