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Nishi Singh

Others

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Nishi Singh

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दोस्त

दोस्त

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जिन्दगी की राहों पर,

कुछ लोग कहीं मिल जाते है।

लगता है वो कुछ भी नहीं,

पर दिल में कहीं बस जाते है।

हर एक कदम के उठने से,

उनकी ही आहट आती है।

उनकी छूई हर चीजों में,

एक मूरत सी बस जाती है।

ढूंढती है उनको हर एक नजर,

एक डोर सी बंध जाती है।

पर ऐ दोस्त! तू मत घबरा,

हर लोग, मिलके बिछड़ जाते है।

पर जीवन के ये रास्ते,

आगे ही बढ़ते जाते है।


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