दोस्त
दोस्त

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आते जाते कहीं भी
आते जाते कभी भी
बस वो मिल जाये
तो मज़ा आ जाये
सुबह से लेकर शाम तक
दिन से लेकर रात तक
जब भी वो मिले
बस खुशियां ही मिले
साइकिल की भागमभागी से
गाड़ी की सवारी तक
टपरी की चाय से
होटल की पार्टी तक
बारिशों में वो पानी पूरी
सर्दियों की वो आइसक्रीम
गर्मियों में वो ठंडा कोक
और जी भर के मस्तियों का वो मोड़
पल में झगड़ा
और पल में दोस्ती
अजीब सी वो मस्ती
ऐसी हम दोनों की दोस्ती।