दोस्त तेरा साथ
दोस्त तेरा साथ
ज़माने की ठोकरो से मैं बहुत घबराया हूं
तेरे साथ से ही दोस्त जिंदगी को पाया हूं
तेरे साथ का एक एक पल
हर गम को बहा देता है कल कल
तेरे साथ से लगता है कोहिनूर हीरा पाया हूं
तेरे साथ से ही दोस्त जिंदगी पाया हूं
खेलते है, जब हम तुम मिचौली
वक्त की भी हो खत्म हो जाती है गोली
तेरे साथ से काल के पहिये को भूल आया हूं
तेरे साथ से ही दोस्त जिंदगी को पाया हूं
वो गिल्ली-डंडा का खेल
दिल को करता था वेल
हर खेल में आनन्द ही आनन्द पाया हूं
वो शादी बरात में तेरे साथ कि मस्ती
लाखो रुपये देकर भी लगती है अब सस्ती
वो हर लम्हा सोचकर बहुत रो रोकर आया हूं
तेरे साथ से ही दोस्त जिंदगी को पाया हूं
दिल टूटा जब भी मेरा
तूने दिया साथ मेरा
टूटे दिल पर मरहम तुझसे ही पाया हूं
हर तरफ से कश्ती मेरी जब डूबी है
तब सबसे पहली पतवार तुझसे ही पाया हूं
तेरे साथ से ही दोस्त जिंदगी को पाया हूं
खुदा को तो मैंने नहीं देखा है
तुझसे ज़्यादा निस्वार्थी वो भी क्या होगा
दोस्त तुझे खुदा से ज्यादा मान आया हूं
ज़माने की ठोकरों से मैं बहुत घबराया हूं
दोस्त तेरे साथ ही जिंदगी को मैं पाया हूं
