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Rashmi Sinha

Others

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Rashmi Sinha

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दिल

दिल

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चलो आज मैं रोता हूँ,

तुम चुप करा लो,

नारी बनता हूँ मैं,

तुम पुरुष की भूमिका निभा लो।

चलो आज----

चलो आज, दृष्टिपात करता हूँ, तुम्हारी ओर,

आशा भरी नजरों से,

तुम मेरी नज़र को पढ़ो,

मेरी उम्मीदों को निभा लो,

चलो आज बनता हूँ नारी,

तुम पुरुष की भूमिका निभा लो

नही लूंगा एक गहरी सांस, सड़कों पर,

शक्ति बटोरने को,

तुम्हारी अस्मिता पर आंच न आने देने को,

चलो आज तुम मेरे मन के बच्चे को पढ़ो

एक मां बन कर निभा लो,

रोया नही हूँ, बरसों से,

भाई, पिता ,पति बनके,

रोने का हक तो सिर्फ तुम्हारा था,

तुम रोई बच्ची बन,

बहन, मां, पत्नी बन,

तुम्हारा क्रंदन सुना जमाने ने,

चलो अब मेरा क्रंदन ,

जमाने को सुना लो,

आने दो मेरे बच्चे को बाहर,

आगे करो अपना कांधा,

बस रोने दो मुझे, 

मुझे तुम चुप करा लो।



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