Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Brijlala Rohan

Others

4.0  

Brijlala Rohan

Others

दिल की प्यास

दिल की प्यास

1 min
164


दिल की बुझ रही न कभी प्यास,

बनकर रह गई है उनकी सिर्फ एहसास!

सोचा था उन्हें पाकर समंदर पा लिया है मैंने 

मगर झांककर देखा तो सुखी तालाब भी नहीं था मेरे पास ,

न कोई पानी की बूंद थी आसपास जिससे

मेरे सूखे कंठों की बुझ सके प्यास !

कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहा था मैं ,

यूं तो मुझे ठंड से राहत दिलाने के लिए जल रही थी

अग्नि कुंड में आठों पहर अस्थियां, 

मगर फिर भी उष्णता कभी पहुंच पा न रही थी मेरे पास 

नेपथ्य में बैठे सोचता हूं

कभी शायद मेरे मर्ज की मरहम बनी ही नहीं कोई आज 

ये मेरी बीमारी ही हो कोई खास जिसका उपलब्ध न हो

अब तक कोई इलाज। 


Rate this content
Log in